रोचेस्टर, न्यूयॉर्क, अमेरिका में जॉन लेरी को संदेश

 

बुधवार, 19 दिसंबर 2007

बुधवार, 19 दिसंबर 2007

 

यीशु ने कहा: “मेरे लोगों, इस दर्शन में तुम देख सकते हो कि तुम्हारा ग्रह नीले रंग की छटाओं में कितना सुंदर दिखता है। यह दुखद है कि मानव जाति धीरे-धीरे तुम्हारे जल और वायु प्रदूषण से प्रकृति के नाजुक संतुलन को बिगाड़ रही है। ग्लोबल वार्मिंग तो बस प्रकृति का एक पहलू है, लेकिन मानव जाति समुद्री जीवन के संतुलन को भी नष्ट कर रही है। प्रवाल भित्तियाँ नष्ट हो रही हैं और मछली पकड़ने वाले क्षेत्र इतने अधिक मछलियां पकड़े जा रहे हैं कि उन्हें फिर से भरना मुश्किल है। अगर इंसान वर्षावनों को साफ करके और बहुत सारे जीवाश्म ईंधन जलाकर अपने पर्यावरण को नष्ट करना बंद नहीं करता, तो मुझे प्रकृति के आवश्यक संतुलन को उसकी पूर्व शुद्धता में बहाल करने के लिए हस्तक्षेप करना होगा। इंसान क्लोनिंग और डीएनए हेरफेर में गहराई से उतर रहा है जहाँ उसे उस प्रकृति को बदलना नहीं चाहिए जो पहले से ही परिपूर्ण थी। प्रार्थना करो कि मानव जाति उसके द्वारा किए गए नुकसान की मरम्मत करने के अधिक ईमानदार प्रयास करे, ताकि वह अगली पीढ़ी को एक बेहतर दुनिया सौंप सके।”

उत्पत्ति: ➥ www.johnleary.com

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